Saturday, August 13, 2016

प.पु.गुरुदेव ने श्री गायत्री तपोभूमि की स्थापना के समय 2400 तीर्थो के जल रज की स्थापना की थी जो आज दशकों के बाद कम होते जा रहे है। तीर्थो से आने वाले सभी परिजनों से प्रार्थना है की वे अपने साथ / मथुरा आने वाले परिजनों के साथ अपने यहाँ के तीर्थ का एक लीटर जल व रज अत्यन्त पवित्रता के साथ श्री गायत्री तपोभूमि के लिए ले कर  के चले। (युग शक्ति गायत्री पत्रिका :गुजराती )
यह हम सब के लिए अत्यन्त सौभाग्य की बात होगी की हमें इस तरह  महाकाल के युगपरिवर्तन के चक्र में सहयोग देने का मौका मिल रहा है।  

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