Saturday, May 27, 2017

पुनातु माम् तत्सवितुर्वरेण्यं l मित्रों ,रात्रि में हम जो तारे देखते हैं वह केवल हमारी Galaxy के ही होते हैं l वैसे यह स्थिर प्रतीत होते हैं  मगर उनकी अपनी स्वयम की अत्यंत तेज  गति होती हैं l लाखों सालों में यह तारे कहां से कहां पहुंच जाते हैं lआज सप्तर्षि सहितं अन्यान्य नक्षत्र जो हम देख रहे वह हजारों साल पहले इस आकार में नहीं थे और हजारों साल के बाद इस आकार में नहीं रहेंगे l ईश्वर के सिवा ब्रह्मांड में सब कुछ परिवर्तनशील है l  पकड़ना है तो केवल उस अपरिवर्तनशील को ही क्यों ना पकड़े ! मांगना है तो उसी  से ही क्यों ना मांगे ! पुनातु माम् तत्सवितुर्वरेण्यं l

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