Sunday, May 14, 2017

GURUDEV OBSERVATORY मेरे वैज्ञानिक दृश्टिकोण ने सदैव अन्धविश्वास व् अंधश्रद्धा का विरोध किया है। पर आज जो कुछ दिखाई दिया उसे ऑप्टिकल इल्युसन कहे ,श्रृंगार की चमत्कृति कहे या अन्य कुछ भी पर उसको आप सब परिजनों से शेर किये बिना रहा नहीं गया। आज 15/5/2017 सोमवार की सुबह ७:४१ पर शांतिकुंज लाइव स्ट्रीम पर अखण्डदीपक वाली गायत्री माता के श्री मुख के ठीक निचे दूसरा श्रीमुख दिखाई दिया और साथ में त्रिशूल का भी आभास हो रहा था। हो सकता है श्रृंगार के चलते यह चमत्कृति दृश्यमान हुयी हो या अन्य कोई वजह हो। जो भी हो पर अंतरात्मा कह रही थी की अब आदिशक्ति युग परिवर्तन द्विगुणित गति से करने जा रही है। हमारे यहाँ गुजरात सौराष्ट्र में गायत्री को सूर्य पत्नी भगवती रांदल के स्वरुप में पूजने का विधान है , उसमे उसके दो स्वरुप ( बे लोटा तेड़या ) को पूजन में बुलाया जाता है। आज वेदमाता ने कुछ ऐसे ही स्वरुप में दर्शन दिए।

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